[vc_row][vc_column][vc_column_text]

श्रावक के ८ मूल गुण 8 Root Characteristics of Votary

 

मद्य त्याग Renunciation of alcohol

मांस त्याग Renunciation of meat

– मधु त्याग Renunciation of honey

– 5 प्रकार के उदम्बर फल का त्याग Renunciation of fig like food

– नित्य देव दर्शन करना Daily seeing deity

– रात्रि भोजन का त्याग Renunciation of intake in night

– छना हुआ जल ही प्रयोग करना filtered water

– जीवों पर दया करना kindness towards all

 

संपत्त-दंसणाई, पइदियहं जइजणा सुणेई य।
सामायारिं परमं जो खलु तं सावगं बिंति।।१।।SSu

 

सम्यक दृष्टि से प्रति दिन, संगत साधु काम।
श्रवण रहे उपदेश का, श्रावक उसका नाम॥२.२३..३०१॥

 

जो सम्यक्दृष्टि व्यक्ति प्रतिदिन मुनिजनो से आचार-विषयक उपदेश सुनता है उसे श्रावक कहते है।

 

He is called a Sravaka (householder) who, being endowed with right faith, listens every day to the preachings of the monks about right conduct. (301)

 

मद्यमांसमधुत्यागै: सहाणुव्रतपंचकम्।
अष्टौ मूलगुणानाहुर्गहिणां श्रमणोत्तमा:॥६६॥RKS

 

मद्य, मांस, मधु त्याग के, पाँचव्रत का ज्ञान।
अष्टमूलगुण श्रावक के, जिन आगम पहचान॥३.२०.६६॥

 

मद्य, मांस व मधु के त्याग के साथ पाँच व्रत का पालन करना श्रावक के आठ मूलगुण कहलाते हैं।

 

As per holy saints obsevance of five vows and refraining from meat, wine and honey are eight fundamental virtues.

[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]