नरकायु आस्रव कारण Causes of Infernal Age Influx of Karma

 

 

– बहुत आरम्भ Too much activity

– बहुत परिग्रह too much possessions

 

 

बह्वारम्भपरिग्रहत्वं नारकस्यायुष:॥१५॥TS

 

आरम्भ की हो बहुलता, परिग्रह का भंडार।
आसक्ति से आस्रव हो, नरक आयु का भार॥६.१५.२२४॥

 

बहुत आरम्भ और बहुत परिग्रह करने से नरकायु का आस्रव होता है।

 

Attachment to too many activities and possessions leads to life in the infernal regions.

 

तेष्वेकत्रिसप्तदशसप्तदशद्वाविंशतित्रयस्त्रिंशत्सागरोपम सत्त्वानां परा स्थिति:॥६॥TS

 

एक तीन सात व दस है, सत्रह बाईस जान।
तैंतीस सागर आयु है, क्रमश: अधिकतम मान॥३.६.९२॥

 

नारकी जीवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति:

  • रत्नप्रभा १ सागर
  • शर्कराप्रभा ३ सागर
  • वालुकाप्रभा ७ सागर
  • पंकप्रभा १० सागर
  • धूमप्रभा १७ सागर
  • तमप्रभा २२ सागर
  • महातमप्रभा ३३ सागर

 

Maximum duration of life of infernal beings is as follow:

  • Ratnaprabha 1 sagar
  • Sarkaar 3 sagar
  • Baluka 7 sagar
  • Panka 10 sagar
  • Dhuma 17 sagar
  • Tamah 22 sagar
  • Mahatamaha 33 sagar