योग निमित्त से आस्रव में भेद Division of Influx Due to Yog
– पुण्यास्रव Influx of virtues
– पापास्रव Influx of evil
शुभ: पुणयस्याशुभ: पापस्य ॥३॥TS
अशुभयोग से आस्रव हो, पापकर्म को मान।
शुभयोग भी आस्रव है, पूण्य कर्म का जान॥६.३.२१२॥
शुभयोग से पुण्य कर्म का और अशुभयोग से पाप कर्म का आस्रव होता है।
Virtuous activity is cause of merit (punya) and evil activity is the cause of demerit (pap)