आहारक शरीर Ejectable Body

 

– शुभ Auspicious

– विशुद्ध Pure

– व्याघातरहित Unstoppable

– मुनिराज के sants only

 

शुभं विशुद्धमव्याघाति चाहारकं प्रमत्तसंयतस्यैव॥४९॥

 

शुभ, विशुद्ध व बाधारहित, आहारक को जान।
छठेगुण स्थानमुनि,  प्रमत्तसंयत पहचान॥२.४९.८२॥

 

आहारक शरीर शुभ, विशुद्ध, बाधारहित तथा प्रमत्तसंयत मुनि (छठवेगुण स्थान) के ही होता है।

 

The projectable (Aharak) body is auspicious, pure, unstoppable and originates only to the saint of sixth stage (pramatta sanyat).