दर्शनमोहनीय Faith Deluding Karma
– केवली Omniscient
– श्रुत Perfect in scripture
– संघ A religious order
– धर्म Religion
– देव Deities
केवलिश्रुतसंघधर्मदेवावर्णवादो दर्शनमोहस्य॥१३॥TS
केवली, शास्त्र, संघ, धर्म, देव का अवर्णवाद।
दर्शन मोह आस्रव रहे, होय नहीं अपवाद॥६.१३.२२२॥
केवली, शास्त्र, संघ, धर्म और देवों का अवर्णवाद करने से दर्शन मोह का आस्रव होता है।
Disrespecting omniscient, scriptures,sangha, true religion and celestial beings leads to influx of faith deluding karmas.