नर्क गति Infernal Beings
नारकी नित्याशुभतरलेश्यापरिणामदेहवेदनाविक्रिया॥३॥TS
लेश्या भाव अशुभतर, अशुभ शरीर विचार।
वेदना क्रिया अशुभतर, नरक बड़ा है भार॥३.३.८९॥
नारकी जीव सदैव ही अत्यन्त अशुभतर लेश्या, अशुभतर परिणाम, अशुभतर शरीर, अशुभतर वेदना और अशुभतर विक्रिया को धारण करते है।
Infernal beings are most inauspiciously in succession with respect to:
- colouration
- Thoughts
- Body
- Suffering
- Deeds
परस्परोदीरितदु:खा:॥४॥TS
परस्पर दु:ख उत्पन्न करे, लड़ते है दिनरात।
जीवन है अत्यन्त कठिन, बचो नरक में घात॥३.४.९०॥
नारकी जीव परस्पर एक दूसरे को दु:ख उत्पन्न करते है। वे निरन्तर परस्पर में लड़ते रहते है।
They continuously cause suffering to each other.
संक्लिष्टासुरोदीरिततदु: खाश्च प्राक् चतुर्थ्या:॥५॥TS
असुरकुमार कष्ट करे, तीजे तक वे आय।
दु:ख की सीमा ही नहीं, नरक कभी ना जाय॥३.५.९१॥
संक्लेश परिणामवाले असुरकुमार देव तीसरी नरक पृथ्वी तक दु:ख उत्पन्न करते है।
Upto 3 naraka suffering is also caused by asurkumaras.