नाम निक्षेप – Knowing Right Faith by Name

 

णाम ट्ठाणा दव्वं, भावं तह जाण होइ णिक्खेवं ।
दव्वे सण्णा णामं दुविहं पि य तं पि विक्खायं ॥3॥SSU

 

नाम स्थापनां द्रव्यं, भावं तथा जानीहि भवति निक्षेपः।
द्रव्ये संज्ञा नाम, द्विविधमपि च तदपि विख्यातम् ॥3॥

 

नाव, भाव, स्थापन द्रव्य निक्षेप चार प्रकार।
द्रव्य नाम संज्ञा सदा, इसके भी दो तार ॥4.42.3.739॥

 

और (इसीलिए) निक्षेप चार प्रकार का माना गया है- नाम, स्थापना, द्रव्य और भाव। द्रव्य की संज्ञा को नाम कहते है। उसके भी दो भेद प्रसिद्ध है।

 

And (therefor); “Nikshepa” is of four kinds : Name, Representation/Installation, Substance and Present Natural attribute. Natural attribute.Name is the noun of substance. It is of two main kinds. (739)