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सामायिक व्रत अर्थ Meaning of Equanimity Vow
आसमयमुक्ति मुक्तं पंचाघाना मशेषभावेन।
सर्वत्र च सामयिका: सामयिकं नाम शंसन्ति॥९७॥RKS
भाव पूर्ण त्याग करे, पंच पाप नियत काल।
गणधर देव इसे कहे, सामायिक हर हाल॥५.७.९७॥
निश्चित समय तक पूर्ण भाव (मन, वचन व काया) से पाँचो पापो के सर्वत्र त्याग को गणधर देवों ने सामायिक कहा हैं।
Gandhardev has defined samayik as complete renunciation of all five sins by mind, speech and body for a certain time.
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