असाता वेदनीय Pain Causing Karma
– दु:ख Suffering
– शोक sorrow
– ताप heat
– आक्रन्दन screaming
– वध killing
– परिदेवन Bewailing
दु:खशोकतापाक्रन्दनवधपरिदेवनान्यात्मपरोभय- स्थानान्यसद्वेद्यस्य॥११॥TS
दु:ख, शोक, ताप, आक्रन्दन, वध परिवेदन जान।
स्व, पर या दोनों करे, दु:ख वेदनीय मान॥६.११.२२०॥
दु:ख, शोक, ताप, आक्रन्दन, वध और परिवेदन- इन्हें स्वयं को, पर को और दोनों को करने से असातावेदनीय कर्म का आस्रव होता है।
Suffering, sorrow, agony, moaning, killing and lamentation in self or others or both lead to the influx of karmas pertaining to unpleasant feelings.