सातावेदनीय Pleasure Producing Karma
– अनुकम्पा Compassion
– दान Charity
– सरागसंयम Restraint with attachment
– आदि Since beginning
– क्षान्ति Forbearance
– शौच Non greediness
भूतव्रत्यनुकम्पादानसरागसंयमादियोग: क्षान्ति: शौचमिति सद्वेद्यस्य॥१२॥TS
जीवों पर दया करना और व्रतियों को दान देना, राग सहित संयम पालना, एकदेश संयम पालना, क्षमाभाव और निर्लोभ भाव रखना- इन सबसे सातावेदनीय कर्म का आस्रव होता है।
जीव व्रती पर अनुकम्पा, सरागसंयम योग।
क्षमाभाव निर्लोभ रहे, सुखवेदन संयोग॥६.१२.२२१॥
Compassion, devout, charity, asceticism with attachment, involuntary dissociation of karmas, contemplation, equanimity, freedom from greed leads to the influx of karmas that cause pleasant feelings.