पारिणामिक भाव State of Inherent Disposition
– जीवत्व Livingness
– भव्यत्व Worthy of Liberation
– अभव्यत्व Not worthy of liberation
जीवभव्याभव्यत्वानि च॥७॥TS
जीवत्व और भव्यत्व, अभव्यत्व आत्म भाव।
अन्य द्रव्य में है नहीं, पारिणामिक स्वभाव॥२.७.४०॥
पारिणामिक भाव के तीन भेद है। जीवत्व, भव्यत्व और अभव्यत्व।
Consciousness, capacity of salvation and incapacity of salvation are inherent nature of soul.