उत्तम संयम Supreme Self Restraint
वय-समिदि-कसायाणं, दंडाण तहिंदियाण-पंचण्हं।
धारण-पालण-णिग्गह-चाग जओ सजमो भणिओ।।२॰।।
मान्य समिति, व्रत रखे, अंत कषाय , दंड त्याग।
इन्द्रियों पर विजय करे, संयम पाँच विराग॥१–९–२०–१०१॥
व्रत व समिति पालना, कषाय छोड़ना, मन–वचन–काया की प्रवृत्तिरुप दण्डों का त्याग, पंचेन्द्रिय जय, इन सबको संयम धर्म कहा जाता है।
Self-restraint (sanyam) consists of the keeping of five vows, observance of five rules of carefulness (samiti) subjugation of passions, controlling all activities of mind, speech and body, and victory over the senses. (101)