उच्चगोत्र कर्म के आस्रव के कारण The Reasons of Influx of Karma for Higher Status

 

 

– दूसरे की प्रशंसा Praising others

– स्व निन्दा Self criticising

– दूसरे के प्रकट गुण बताना Showing off qualities of others

– स्व के अप्रकट गुण छुपाना hiding self qualities

 

 

तद्विपर्ययो नीचैर्वृत्यनुत्सेकौ चोत्तरस्य॥२६॥TS

 

स्व निन्दा ‘पर’ प्रशंसा, ‘पर’ गुण करे बखान।
अवगुण को देखे नहीं, उच्च गोत्र का मिलान॥६.२६.२३५॥

 

इसके विपरीत कारणों से अर्थात् दूसरों की प्रशंसा, अपनी निन्दा, दूसरों के गुणों को प्रकट करना अवगुणों को ढाँकना, स्वयं के गुणों को प्रकट न करना व दोषों को उजागर करना , गुणीजनों के सामने विनम्र रहना, गुणों के होने पर भी अभिमान न करना ये सब उच्च गोत्र के आस्रव के कारण है।

 

The opposite of those mentioned in previous sutra leads to higher status.