वैक्रियिक शरीर Transformational Body

 

 

औपपादिकं वैक्रियकम्॥४६॥TS

 

जन्म देव और नारकी, शय्या कहे उपपाद।
वैक्रियिक धारण करे, बात रखो यह याद॥२.३४.६७॥

 

उपपाद जन्म वाले देव व नारकिय शरीर वैक्रियक होते है।

 

The transformable body originated by birth in special beds in swarga and naraka.

 

लब्धिप्रत्ययं च॥४७॥TS

 

वैक्रियिक शरीर मिले, ऋद्धि निमित्त भी जान।
उपपाद तो निश्चित है, लब्धि भी पहचान॥२.४७.८०॥

 

वैक्रियक शरीर ऋद्धिनिमित्तक भी होता है।

 

Transformable body can also be gained by attainment (Riddhi).