मन:पर्यय ज्ञान के भेद Types of telepathy knowledge

 

– ऋजुमति straight
– विपुलमति complex

 

ऋजुविपुलमति मन:पर्यय: ॥१.२३॥TS

 

पर के मन को जान ले, मन:पर्यय दो भेद।
ऋजुमति और विपुलमति, सरल कुटिल का वेद॥॥१.२३॥

 

मन:पर्ययज्ञान दो प्रकार का है। ऋजुमति और विपुलमति।

 

Telepathy knowledge is of two types. Rijumati (straight) and vipulmati (complex).

 

चिंतिय-मचिंतियंऽ वा अद्धं चिंतिय-मणेय-भेय-गयं।
मण-पज्जवत्ति णाणं, जंजाणइ तं तु णर-लोए।।९।।SSu

 

अचिंत चिंतित,  अर्धचिंतित, भेद अनेक प्रकार।
मन प्रत्यक्ष ही जानता, मनुष्यलोक विचार॥४.३८.९.६८२॥

 

जो ज्ञान मनुष्यलोक मे स्थित जीव के चिन्तित, अचिंतित, अर्धचिंतित आदि अनेक प्रकार के अर्थ से मन को प्रत्यक्ष जानता है वह मन:पर्यय ज्ञान है।

 

The knowledge which directly knows the thoughtful (chintiata), unthoughtful (Achintita) and semi thoughtful (Ardha-chintita) minds of embodied souls of the human universe (Maunsya-lok) is called telepathic knowledge (Manah-parayaya) (Jnan). (682)