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अचौर्याणुव्रत के अतिचार Violation of Non-Stealing Vow
स्तेनप्रयोगतदीह्रतादानविरुद्धराज्यातिक्रमहीनाधिकमानोन्मानप्रतिरुपकव्यवहारा:॥२७॥TS
चोरी में सहयोग हो, चोरी वस्तु व्यापार।
कर चोरी व तोल गलत, मिलावट भी अतिचार॥७.२७.२६३॥
अचौर्याणुव्रत के पाँच अतिचार है:
१। स्तेनप्रयोग – चोरी के लिये किसी को प्रेरणा देना
२। तदाह्रतादान- चोरी की वस्तु लेना
३। विरुद्धराज्यातिक्रम- राज्य के विरुद्ध काम करना
४। हीनाधिक मानोन्मान- कम ज़्यादा तोलना
५। प्रतिरुपक व्यवहार- मिलावट करना
Five violations of non-stealing vow
- Prompting others to steal
- Accepting stolen goods
- Working anti government
- Using wrong weights and measures
- Adulteration
चौरप्रयोगचौरार्थादानविलोपसदृशसन्मिश्रा:।
हीनाधिकविनिमानं पँचास्तेये व्यतीपाता:॥५८॥RKS
चोरी ग्रहण, भंग नियम, करें चोरी विचार।
मिलावट व नाप गड़बड़, अचौर्य व्रत अतिचार॥३.१२.५८॥
अचौर्याणुव्रत के पाँच अतिचार- अन्य को चोरी के उपाय बताना, चोरी का माल ग्रहण करना, राजकीय नियमों का उल्लंघन करना, मिलावट करना व नापने में गड़बड़ करना।
Five violations of achauryanuvrat (vow of non-stealing) are as follow: giving instruction for stealing, receiving stolen things, evading laws, adulteration and using wrong weights and measures.
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