प्राण Vitalities
– भाव प्राण Psychic vitalities
– द्रव्य प्राण Physical vitalities
द्रव्य प्राण Physical Vitalities
– इन्द्रिय Senses
– बल Vitalities
– आयु Age
– श्वासोच्छवास Breathing
बल Vitalities
– मनोबल Psychological
– वचनबल Speech vitality
– कायबल Body vitality
पाणेहिं चदुहिं जीवदि जीवस्सदि जो हु जीविदो पुव्वं।
सो जीवो पाणा पुण बल-मिंदिय-माउ-उस्सासो।।२२।।SSu
जीयेगा, जीता, जिया, चार प्राण है पास।
बल, इन्द्रिय आयु रहे, जीव द्रव्य उच्छवास॥३.३५.२२.६४५॥
जो चार प्राणो मे वर्तमान मे जीता है, भविष्य मे जीयेगा और अतीत मे जिया है वह जीवद्रव्य है। प्राण चार है। बल, इन्द्रिय, आयु और उच्छ्वास।
That which has lived in past, is living at present; and shall live in future, with four vitalities is the substance of soul the vitalities are of four kinds; 1. Power of body; 2. Sense organs; 3. Age; and 4. Respiration. (645)