वैमानिक Celestial Deities

 

 

कल्पोपपन्ना: कल्पातीताश्च॥४.१७॥TS

 

वैमानिक प्रकार दो, कल्पोपपन्न को जान।
एक सोलहवें स्वर्ग तक, कल्पातीत पहचान॥४.१७.१४२॥

 

ये वैमानिक देव दो प्रकार के है। कल्पोपपन्न और कल्पातीत।

 

Vaimanik are of two types. Born in kalpa and beyond the kalpas.

 

उपर्युपरि ॥४.१८॥TS

 

ऊपर ऊपर है सभी, सोलह स्वर्ग पहचान।
ग्रैवेयक व अनुदिश भी, अंत में अनुत्तर जान॥४.१८.१४३॥

 

सोलह स्वर्ग के आठ युगल, नव ग्रैवेयक, नव अनुदिश और पाँच अनुत्तर क्रम से ऊपर ऊपर है।

 

They are one above the other.

 

सौधर्मैशानसानत्कुमारमाहेन्द्रब्रह्मब्रह्मोत्तरलान्तवकापिष्ठशुक्रमहाशुक्रशातारसहस्त्रारेष्वानतप्राणतयोरारणाच्युतयोर्नवसु ग्रैवेयकेषु विजयवैजयन्त जयन्तापराजितेषु सर्वार्थसिद्धो च॥४.१९॥

 

बारह स्वर्ग तक छह युगल, वैमानिक है देव।

सौधर्म और ऐशान भी, सनत्- माहेन्द्र देव॥

ब्रह्म और ब्रह्मोत्तर भी, लांतव- कापिष्ठ यार।

शुक्र और महाशुक्र भी, शतार व सहस्त्रार ॥

है अगले दो स्वर्ग में, आनत- प्राणत देव।

फिर अगले दो स्वर्ग में, आरण- अच्युत देव॥

नव ग्रैवेयक विमान में, नव अनुदिश विमान।

देव अनुचर पाँच है, विजय वैजयन्त जान॥

जयन्त व अपराजित है, अनुतर देव विमान।

सर्वार्थसिद्धि है मध्य में, वैमानिक पहचान॥४.१९.१४४॥

 

बारह स्वर्गों में ६ युगल वैमानिक देव

  • सौधर्म- ऐशान
  • सनत्कुमार – माहेन्द्र
  • ब्रह्म – ब्रह्मोत्तर
  • लांतव- कापिष्ठ
  • शुक्र – महाशुक्र
  • शतार- सहस्त्रार

 

दो स्वर्गों में आनत- प्राणत
दो स्वर्गों में आरण- अच्युत
नव ग्रैवेयक विमानों में
नव अनुदिश विमानों में

 

अनुतर विमानों में ५ देव

  • विजय
  • वैजयन्त
  • जयन्त
  • अपराजित
  • सर्वार्थसिद्धि

6 pairs of deva lives in first 12 heavens

  • Saudharma- Aisana
  • Sanatkumara- mahendra
  • Brahma- Brahmottara
  • Lantava- kapistha
  • Sukra- mahasukra
  • Satara- Sahasrara

 

2 heavens Anata & Pranata

2 heavens Arana & Acyuta

Nine greveyak

Nine anudish

Five anuchar

  • vijaya
  • Vaijayanta
  • Jayanta
  • Aparajita
  • Sarvarthasiddhi