बंध Bondage
– बंध के कारण Causes of Bondage
– बंध के भेद Division of bondage
– कर्म Karma
– गुणस्थान stages towards perfect knowledge
सकषायत्वाज्जीव: कर्मणो योग्यान् पुद्गलानादत्ते स बन्ध:॥२॥TS
बंध क्या है कर्म का, ले अब यह तू जान।
कर्म पुद्गल ग्रहण करे, जब कषाय संग आन॥८.२.२७७॥
कषाय सहित होने से जीव कर्म के योग्य पुद्गलों को ग्रहण करता है वह बंध है।
When soul (JEEV) is infected with passion (kasay), it attracts particles of karma (karman pudgal) which is called bondage (Bandh).