कर्म Karma
– भेद Division of Karma
– अवस्थाएँ State of Karma
जं जं समयं जीवो आविसइ जेण जेण भावेण।
सो तंमि तंमि समए, सुहासुहं बंधए कम्मं।।२।।SSu
जब जब उठते जीव में, जैसे जैसे भाव।
तब तब बँधते कर्म के, अच्छे–बुरे प्रभाव॥१.६.२.५७॥
जिस समय जीव जैसे जैसे भाव करता है, वह उस समय वैसे ही अच्छे–बुरे कर्म का बंध करता है।
Whenever a soul experiences this or that mental state at that very time it gets bound by a corresponding good or bad karmas. (57)