सम्यग्चारित्र के भेद Types of Right Conduct
– व्यवहार चारित्र Right Conduct from practical point of view
– निश्चय चारित्र Right conduct from real point of view
ववहार-णय-चरित्ते, ववहार-णयस्य होदि तवचरणं।
णिच्छय-णय-चारित्ते, तवचरणं होदि णिच्छयदो।।१।।SSu
व्यवहारनय चारित्र में, तपश्चरण व्यवहार।
निश्चयनय चारित्र्य में, निश्चय तप आचार॥२.२०.१.२६२॥
व्यवहारनय के चारित्र मे व्यवहारनय का तपश्चरण होता है। निश्चयनय के चारित्र मे निश्चयनय का तपश्चरण होता है।
Right Conduct from the practical view-point is to practice austerities from practical view point. Right Conduct from the real view-point is to observe austerities from the real view-point. (262)