व्रती के प्रकार Types of Votaries
– गृहस्थ Householder
– संत Monks
अगार्यनगारश्च॥१९॥TS
गृहस्थ को अगारी कहा, संत अनगारी जान।
व्रती के प्रकार दो, श्रावक साधु मान॥७.१९.२५५॥
गृहस्थ (अगारी) और संत (अनगारी) दो प्रकार के व्रती होते है।
Votaries are of two types. House holder (Shravak). House less ascetic (muni).
अगिणअ जो मुक्खसुहं, कुणइ निआणं असारसुहहेउं।
सो कायमणिकएणठं, वेरुलियमणिं पणासेइ।।३।।SSu
मोक्ष सुख समझे नहीं, चाहे सुख संसार।
लेकर टुकड़े कांच के , छोड़े मणि– सुविचार॥२.२५.३.३६६॥
जो व्रती मोक्ष सुख की उपेक्षा करके भौतिक सुख प्राप्ति की अभिलाषा करता है वो काँच के टुकड़े के लिये असली मणि गँवाता है।
He, who harbours desire for worthless worldly pleasures and disregard for bliss of emancipation, is like a person who destroys a (real) gem for a (glittering) piece of glass. (366)