जीव का उपयोग लक्षण Attentiveness Quality of Soul
– ज्ञानोपयोग Knowledge attentiveness
– दर्शनोपयोग Faith attentiveness
उपयोगो लक्षणम् ॥८॥TS
आत्मा का चैतन्यपना, कहलाता उपयोग।
जीव का यह लक्षण है, मन वचन काय योग॥२.८.४१॥
जीव का लक्षण उपयोग है।
Consciousness is distinctive characteristic of soul.
स द्विविधोऽष्टचतुर्भेद:॥९॥
उपयोग दो प्रकार का, ज्ञान, दर्शन उपयोग।
ज्ञान है आठ तरह का, चार दर्शन उपयोग॥२.९.४२॥
उपयोग दो प्रकार का है। ज्ञानोपयोग के ८ भेद है व दर्शनोपयोग के ४ भेद है।
Consciousness is of 2 kinds. Knowledge and Faith. Knowledge of 8 types and darshan is of 4 types.
उवओगलक्खणमणाइ-निहणमत्थंतरं सरीराओ। जीवमरूविं कारिं, भोयं च सयस्स कम्मस्स।।५।।SSu
अनादि चेत लक्षण निधन, देह नहीं है जीव।
कर्ता भोक्ता कर्म का, रूप न रहती नींव॥३.३४.५.५९२॥
जीव का लक्षण उपयोग है। यह अनादि–निधन है। शरीर से भिन्न है। अरुपी है। अपने कर्म का कर्ता भोक्ता है।
The characteristics of soul is consciousness, eternal, different from the body, formless and is the doer and enjoyer of his karmas. (592)