एषणा समिति Carefulness in Alms
उग्गम-उप्पादण-एसणेहिं पिंड च उवधि सज्जं च।
सोधंतस्स य मुणिणो, परिसुज्झइ एसणा-समिदी।।२२।।SSu
उद्ग़म, उत्पादन, अशन, दोष रहित हो भोज।
शय्या वसतिका शुद्ध रहे, एषणा व्रत मुनि रोज़॥२.२६.२२.४०५॥
आहार उगाने, बनाने व ग्रहण करते समय लगने वाले दोषों का ध्यान रखना और शय्या आदि शुद्ध रखना एषणा समिति है।
- The carefulness of food (E’sana-samiti) of a saint consists of accepting food, free of all the defects, arising out of its preparation (Udgamadosa), production (utpadan) and consumption (Asan/eating); and the purification of the material objects of his bed, place of residence etc. (405)