अधर्म द्रव्य Medium of Rest

 

 

– अजीव Non-living

– बहुप्रदेशी Multi space points

– अमूर्तिक Invisible

– नित्य Permanent

– अवस्थित Fixed

– निष्क्रिय Inaction

– संख्या एक One only

 

जह हवदि धम्मदव्वं तह तं जाणेह दव्वमधमक्खं।
ठिदि-किरिया-जुत्ताणं कारणभूदं तु पुढवीव।।११।।SSu

 

जैसे होता धर्म द्रव्य, द्रव्य अधर्म भी जान।
क्रिया युक्त कायम रहे, ज्यूँ भूमि का स्थान॥३.३५.११.६३४॥

 

धर्मद्रव्य की तरह ही अधर्मद्रव्य है। परन्तु अन्तर यह है कि यह स्थितिरुप क्रिया से युक्त जीवों और पुद्गलो की स्थिति मे पृथ्वी की तरह निमित्त बनता है।

 

Know that just as Dharma is substance, so is the Adharma. It is helpful in bringing about the rest of the Jivas and Pudgalas capable of being static. (634)