वेदना Pain

 

वेदनायश्च॥३२॥TS

 

रोगजनित पीड़ा रहे, दूर करू हो चाह।
चिन्तवन बारम्बार हो, वेदनाजन्य गुनाह॥९.३२.३३३॥

 

रोगजनित पीड़ा होने पर उसे दूर करने के लिए बार बार चिन्तवन करना वेदनाजन्य आर्त ध्यान है।

 

Focusing again and again on suffering is called ‘pain inflicting sorrowful meditation”.