औदयिक भाव State of Rising Karma
गतिकषायलिंगमिथ्यादर्शनाज्ञानासंयतासिद्ध-लेश्याश्र्चतुश्र्चतुस्त्रयेकैकैकैकषड्भेदा: ॥२.६॥
गति कषाय लिंग कुदर्शन, अज्ञान असंयम भाव।
असिद्धत्व व लेश्या भी, इक्कीस औदयिक भाव॥२.६.३९॥
औदयिक भाव के २१ भेद इस प्रकार है। गति (नरक, तिर्यंच, मनुष्य व देव), कषाय (क्रोध, मान, माया व लोभ), लिंग (स्त्रीवेद, पुरुषवेद व नपुंसकवेद), मिथ्यादर्शन, अज्ञान, असंयम, असिद्धत्व व लेश्यायें (कृष्ण, नील, कपोत, पीत, पद्म और शुक्ल)।
4 Existence, 4 passions, 3 sex, wrong belief, wrong knowledge, non-restraint, imperfect disposition and 6 coloration of soul are total 21 types of rise of karmas.