काल Time
– अचेतन Lifeless
– नित्य Permanent
– अवस्थित Fixed
– अमूर्तिक Invisible
– निष्क्रिय Inaction
– एक प्रदेशी One space point
वर्तनापरिणामक्रिया: परत्वापरत्वे च कालस्य ॥२२॥
वर्तना, परिणाम व क्रिया, परत्व व अपरत्व जान।
निमित्त बनता काल है, जिनवर का है ज्ञान॥५.२२.१८९॥
वर्तना, परिणाम, क्रिया, परत्व और अपरत्व में निमित्त होना ये कालद्रव्य का सभी द्रव्यों पर उपकार है।
Be instrumental for all other substances in their continuity of being, in their changes, movements, priority and non-priority in time, are the functions of time.
कालश्च॥३९॥TS
जीव अजीव पुद्गल धर्म, द्रव्य है आकाश।
काल को भी द्रव्य कहा, छह द्रव्य का वास॥५.३९.२०६॥
काल भी द्रव्य है।
Time also is a substance.
सोऽनन्तसमय:॥४०॥TS
काल के दो भेद है, निश्चय और व्यवहार।
समय इकाई काल की, अनन्त समय विचार॥५.४०.२०७॥
यह काल द्रव्य अनन्त समय वाला है।
Time substance is consisting of infinite instants (samay).
पास-रस-गंध-वण्ण-व्वदिरित्तो अगुरुलहुग-संजुत्तो।
वट्टण-लक्खण-कलियं, काल-सरूवं इमं होदि।।१४।।SSu
स्पर्श रूप रस गन्ध नही, लघु गुण अगुरु स्वभाव।
चक्कर नियमित लक्षना, काल द्रव्य का भाव॥३.३५.१४.६३७॥
स्पर्श, गन्ध, रस और रुप से रहित, अगुरु–लघु गुण से युक्त तथा वर्तना लक्षणवाला काल द्रव्य कहा गया है।
The substance time is devoid of attributes like touch, taste, smell and colour and properties like heaviness and lightness. It is characterized by mutation. (637)
जीवाण पुग्गलाणं हुवंति परियट्टणाइ विविहाइं।
एदाणं पज्जाया, वट्टंते, मुक्ख-काल-आधारे।।१५।।SSu
जीव पुद्गल में नित्य हो, परिवर्तन संसार।
रहे बदलता हर समय, द्रव्य काल आधार॥३.३५.१५.६३८॥
जीवों और पुद्गलो मे नित्य होनेवाले अनेक प्रकार के परिवर्तन या पर्याय मुख्यत: कालद्रव्य के आधार से होते है। अर्थात उसके परिणमन मे कालद्रव्य निमित्त होता है। इसी को आगम मे निश्चयकाल कहा गया है।
The multiple mutations and various modes of the soul and matter are mainly due to time substance. (638)