सम्यग्ज्ञान जानने के उपाय Ways to know Right Knowledge

 

– संक्षिप्त रुचि से To Know in brief
– मध्यम रुचि से To know know moderately
– विस्तार से To Know in detail

 

संसय-विमोह-विब्भय-विविज्जियं, अप्प-पर-सरूवस्स।
गहणं सम्मं णाणं, सायार-मणेय-भेयं तु।।१।।

 

विमोह विभ्रम संशयरहित, रूप का स्व पर ज्ञान।
भेद अनेक विकल्पक है, ग्रहण हो सम्यक्ज्ञान॥४.३८.१.६७४॥

 

संशय, विमोह और विभ्रम इन तीन मिथ्याज्ञाने से रहित अपने और पर के स्वरुप को ग्रहण करना सम्यग्ज्ञान है। यह वस्तुस्वरुप का यथार्थ निश्चय कराता है। इसलिये इसे साकार अर्थात् सविकल्पक (निश्चयात्मक) कहा गया है। इसके अनेक भेद है।

 

Such a grasping of the nature of self and that of other things, as is free from doubt, mistake and uncertainty is called the right knowledge; it is of a determinate form and is of various 
types. (674)