[vc_row][vc_column][vc_column_text]
सम्यग्दर्शन Right Faith
– श्रद्धान के आधार basis of faith
→ सम्यग्दर्शन के हेतु Causes of Right Faith
→ सम्यग्दर्शन के निक्षेप Way of Knowing about Right faith
→ सम्यग्दर्शन के अंग Parts of Right Faith
→ सम्यग्दर्शन के गुण Virtues of Right Faith
→ सम्यग्दृष्टि के अतिचार violation of Right Faith
→ सम्यग्दर्शन के दोष Faults of Right Faith
→सम्यग्दर्शन के लाभ Benefits of Right Faith
तत्त्वार्थश्रद्धानं सम्यग्दर्शनम्॥१.२॥TS
समझ स्वरूप पदार्थ का, सच्ची श्रद्धा मान।
सम्यग्दर्शन कहे उसे, जिनवर का यह ज्ञान॥१.२॥
पदार्थ के स्वरूप का सही श्रद्धान ही सम्यग्दर्शन है।
Right faith is belief in substances as they are.
श्रद्धानं परमार्थानामाप्तगमतपोभूतां।
त्रिमूढापोढमष्टांगं सम्यग्दर्शनमस्मयं॥४॥RKS
सम्यग्दर्शन श्रद्धान है, गुरु शास्त्र और देव।
मूढ़ता और मद नहीं, अष्ट अंग को ठेव॥४॥
तीन मूढताओं से रहित, आठ अंगो सहित और आठ मदों से रहित सच्चे देव, शास्त्र एवं गुरु के श्रद्धान को सम्यग्दर्शन कहा है।
Without three kinds of wrong knowledge, with eight types of right faith and without eight kinds of pride having faith in true god, true scriptures and true teacher is called right faith.
[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]