अयोगकेवली An Inactive Omniscient

 

 

सेलेसिं संपत्तो, णिरुद्ध-णिस्सेस-आसवो जीवो।
कम्म-रय-विप्प-मुक्को, गय-जोगो केवली होइ।।१९।।SSu

 

जो है स्वामी शील के, कर्म आस्रव बंद जान।
रहे अयोगी बंध-मुक्त , गुण केवली ज्ञान॥२.३२.१९.५६४॥

 

जो शील के स्वामी है, जिनके सभी नवीन कर्मों का आस्रव अवरुद्ध हो गया है तथा जो पूर्वसंचित कर्मों से सर्वथा मुक्त हो चुके है वे अयोगीकेवली (चौदहवाँ गुण स्थान) कहलाते है।

 

  1. Ayog-kevalis (vibrationless perfect souls) are such saints, as are masters of conduct (sila ke swami); whose fresh inflow of karmas has been stopped and whose past accumulated karmas have been fully destroyed.
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