प्रमाण Comprehensive Knowledge

 

परोक्ष Indirect Knowledge
प्रत्यक्ष Direct Knowledge

 

गेहृइ वत्थुसहावं अविरुद्धं सम्मुरूवं जं णाणं।
भणियं खु तं पमाणं पच्चक्ख-परोक्ख-भेएहिं।।१२।।SSu

 

ज्ञात स्वभाव सम्यक् सदा, उसको ही सच मान।
भेद है उसके दो कहे, प्रत्यक्ष परोक्षप्रमाण॥४.३८.१२.६८५॥

 

जो ज्ञान वस्तु स्वभाव कोयथार्थस्वरुप कोसम्यक् रुप से जानता है, उसे प्रमाण कहते है। इसके दो भेद है। प्रत्यक्ष प्रमाण और परोक्ष प्रमाण।

 

Pramana is the knowledge which rightly knows the nature of soul (Vastu-svabhava). It is of two kinds : 
1. Direct and 2. Indirect (685)