जीव के भाव State of Soul
– औपशमिक भाव State due to Subsidence of Karma
– क्षायिक भाव State due to destruction of Karma
– मिश्र- क्षायोपशमिक भाव Disposition due to destruction as well suppression of Karma
– औदयिक भाव State due to rise of Karma
– पारिणामिक भाव Inherent disposition
औपशमिकक्षायिकौ भावौ मिश्रश्च जीवस्य स्वतत्त्वमौदयिकपारिणामिकौ च॥२.१॥TS
औपशमिक व क्षायिक है, मिश्र भी निज भाव।
औदयिक पारिणाम भी, आत्मा का स्वभाव॥२.१.३४॥
जीव के पाँच भाव निज भाव है जो और द्रव्य में नहीं होते। औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, औदयिक और पारिणामिक।
Soul have 5 distinctive characteristics. Subsidence, destruction, destruction cum subsidence, fruition and inherent nature.