सम्यग्दर्शन के ८ अंग Parts of Right Faith
→ नि:शंकित Doubtless
→ नि:कांक्षित Absence of Misguided Tendencies
→ निर्विचिकित्सा Free from Disgust
→ अमूढता Free from Delusion
→ उपगूहन Protection
→ स्थितिकरण Stabilisation
→ वात्सल्य Selfless Affection
→ प्रभावना Propagation
निस्संकिय निक्कंखिय निव्वितिगिच्छा अमूढ़दिट्ठी य।
उवबूह थिरीकरणे, वच्छल्ल पभावणे अट्ठ।।१३।।SSU
ना शंका न आकांक्षा, अमूढ-दृष्टि, समभाव।
रहस्य रखे न, धीर रहे, प्रेम, धर्म प्रभाव॥२.१८.१३.२३१॥
सम्यग्दर्शन के ये आठ अंग है: नि:शंका, निष्कांक्षा, निर्विचिकित्सा, अमूढदृष्टि, उपगुहन, स्थिरीकरण, वात्सल्य और प्रभावना।
The eight essential requisites of Right Faith are: absence of doubt, absence of longing, absence of contempt, absence of confusion, absence of belief in heretical sects, stabilization, affection and exaltation. (231)